रविवार, 17 अप्रैल 2011

मेरी पसंद.....

टुकड़े-टुकड़े दिन बीता, धज्जी-धज्जी रात मिली
जिसका जितना आँचल था, उतनी ही सौगात मिली

रिमझिम-रिमझिम बूँदों में, ज़हर भी है और अमृत भी
आँखें हँस दीं दिल रोया, यह अच्छी बरसात मिली

जब चाहा दिल को समझें, हँसने की आवाज़ सुनी
जैसे कोई कहता हो, ले फिर तुझको मात मिली

मातें कैसी घातें क्या, चलते रहना आठ पहर
दिल-सा साथी जब पाया, बेचैनी भी साथ मिली

होंठों तक आते आते, जाने कितने रूप भरे
जलती-बुझती आँखों में, सादा-सी जो बात मिली

० मीना कुमारी

लीजिये, मीना कुमारी जी की ही आवाज़ में सुन लें ये ग़ज़ल( अनामिका जी की विशेष इच्छा पर)

38 टिप्‍पणियां:

  1. मीना कुमारी की खुबसूरत गज़ल पढ़वाने के लिए आभार

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  2. मीणा कुमारी जी की खूबसूरत गज़ल पढवाने का शुक्रिया

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  3. टुकड़े-टुकड़े दिन बीता, धज्जी-धज्जी रात मिली
    जिसका जितना आँचल था, उतनी ही सौगात मिली

    पसंदीदा पंक्तियाँ हैं ये....

    मीना जी की इस ख़ूबसूरत ग़ज़ल को यहाँ शेयर करने का शुक्रिया

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  4. आपकी पसंद का जवाब नहीं!
    मीना कुमारी जी की सुन्दर नज़्म पढ़वाने के लिए धन्यवाद!

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  5. जब चाहा दिल को समझें, हँसने की आवाज़ सुनी
    जैसे कोई कहता हो, ले फिर तुझको मात मिली

    बहुत ख़ूब !
    शुक्रिया वन्दना इतनी ख़ूबसूरत ग़ज़ल पढ़वाने के लिये

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  6. शुक्रिया वन्दना इतनी ख़ूबसूरत ग़ज़ल पढ़वाने के लिये

    मैने भी अपने ब्लाग पर एक लेख- कब तक धोखे और अत्याचार का शिकार होंगी महिलाएं- लिखा है। समय हो तो पढ़ें और टिप्पणी दें-
    http//www.ashokvichar.blogspot.com

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  7. वाह! बेहतरीन गज़ल पढ़वाई आपने मीना कुमारी जी की...आभार!!

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  8. बहुत अच्छी ग़ज़ल है मीना कुमारी जी की...
    लाजवाब रही आपकी पसंद.

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  9. होंठों तक आते आते, जाने कितने रूप भरे
    जलती-बुझती आँखों में, सादा-सी जो बात मिली--- बेहद खूबसूरत गज़ल...

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  10. मातें कैसी घातें क्या, चलते रहना आठ पहर
    दिल-सा साथी जब पाया, बेचैनी भी साथ मिली
    रिमझिम-रिमझिम बूँदों में, ज़हर भी है और अमृत भी
    आँखें हँस दीं दिल रोया, यह अच्छी बरसात मिली
    dil ki kalam se likhi gayi hai ,mujhe to unki rachna behad pasand hai aur wo bhi rahi .

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  11. ऑंखें हंस दी दिल रोया , यह अच्छी बरसात मिली ..
    मीनाकुमारी जी की बेहतरीन ग़ज़ल पढवाने के लिए बहुत आभार !

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  12. अभिनयमयी चेहरे के अन्दर इतनी गहरी संवेदना। बहुत अच्छा लगा पढ़कर।

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  13. मीना कुमारी की खुबसूरत गज़ल पढ़वाने के लिए आभार

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  14. अतिसुंदर भावाभिव्यक्ति, इस सुंदर गजल के लिये आप का धन्यवाद

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  15. टुकड़े-टुकड़े दिन बीता, धज्जी-धज्जी रात मिली
    जिसका जितना आँचल था, उतनी ही सौगात मिली
    पूरा जीवन जैसे उतार दिया इसमें मीना कुमारी ने .
    बहुत अच्छी पसंद है.
    आभार इस गज़ल को यहाँ पढवाने का.

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  16. सुँदर और भव प्रवण नज़्म मीनाकुमारी जी की . दर्द बेसाख्ता बह निकला है . आभार आपका .

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  17. मीना कुमारी की ये ग़ज़ल मेरी पसंदीदा ग़ज़ल है, वैसे तो बहुत कुछ उनका पसंदीदा है लेकिन इसको पढ़ने के लिए बहुत बहुत धन्यवाद .

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  18. चर्चा मंच के साप्ताहिक काव्य मंच पर आपकी प्रस्तुति मंगलवार 19 - 04 - 2011
    को ली गयी है ..नीचे दिए लिंक पर कृपया अपनी प्रतिक्रिया दे कर अपने सुझावों से अवगत कराएँ ...शुक्रिया ..

    http://charchamanch.blogspot.com/

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  19. वंदनाजी, मै तो मीना कुमारी का फैन हू. मेरा एक ब्लॉग भी है. मै उनकी गाजलो का और फिल्मो का भी चहेता हू.

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  20. टुकड़े-टुकड़े दिन बीता, धज्जी-धज्जी रात मिली
    जिसका जितना आँचल था, उतनी ही सौगात मिली

    कितनी गहराई है इन शब्दो मे.

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  21. जिसका जितना आँचल था, उतनी ही सौगात मिली..

    kahte hain maa ka aanchal.......asman
    se bhi bara hota hai......to saugat bhi usi hisab se aanchal me aayega...

    bahut sundar.

    pranam.

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  22. वंदना जी, मीना कुमारी जी की खूबसूरत गज़ल पढवाने का आभार ।

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  23. मीना जी की इस ख़ूबसूरत ग़ज़ल को यहाँ शेयर करने का शुक्रिया.

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  24. वंदना जी बहुत शुक्रिया ग़ज़ल पढवाने का .....!!
    इसे मीना कुमारी जी ने खुद गया भी है -
    आई राईट आई रिसाईट --नमक रिकॉर्ड में .....!!
    कभी मौका मिले ज़रूर सुनियेगा ...बहुत ही दर्द भरी आवाज़ है उनकी ....!!

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  25. सुंदर गज़ल मीनाकुमारी की गज़ल पढवाने के लिए आभार |

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  26. अनुपमा जी, मेरे पास ये रिकॉर्ड है. सचमुच बहुत दर्द भरी आवाज़ है उनकी. ब्लॉग पर आने के लिये शुक्रिया.

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  27. यह गज़ल जितनी बार पढ़ी है, उतना ही ज्यादा मीना जी के दर्द भरे जीवन के बारे में सोचते हैं। दर्द था, इसीलिये ऐसा लिख पाईं वो।

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  28. बहुत-बहुत आभार आपका ......
    मीना कुमारी जी की ग़ज़ल उनकी असल जिंदगी का ही दर्द बयाँ करती है |

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  29. tahe dil se shukrguzar hu apki jo aapne ye gazel ham tak pahuchayi...kya ise podcast kar ke sun pane ka koi tareeka nahi hai.

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  30. मेरी पसंदीदा अभिनेत्री हैं मीनाजी...

    उनकी ग़ज़ल से तारुफ़ करने के लिए शुक्रिया..!!

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  31. क्यों नहीं अनामिका जी, मीनाकुमारी जी की आवाज़ में ही सुन सकती हैं. उनके अल्बम का नाम " I write,I recite' है. इस लिंक पर आप सुन भी सकती हैं-
    http://videos.desishock.net/1004422/I-write,-I-recite---Meena-Kumari-%22Tukde-Tukde-Din-Beeta%22

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  32. प्रिया के नोट तारीफ़ करने लायक है..कुछ दिन तूफ़ान सा रहता है घर में फिर नियम पालन करने की आदत हो ही जाती है...
    मीनाकुमारी का अभिनय,,,आवाज़..उनकी शायरी सभी दिल में उतर जाते हैं.. लिंक देने के लिए शुक्रिया..

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