मेरा पसंदीदा गीत है ये, राष्ट्रगीत की तरह.....
हम देखेंगे
लाज़िम है कि हम भी देखेंगे
वो दिन के जिसका वादा है
जो लौहे-अज़ल में लिखा है
जब ज़ुल्मो-सितम के कोहे-गराँ
रुई की तरह उड़ जायेंगे
हम महकूमों के पाँव तले
जब धरती धड़-धड़ धड़केगी
और अहले-हिकम के सर ऊपर
जब बिजली कड़कड़ कड़केगी
जब अर्ज़-ऐ-ख़ुदा के का'बे से
सब बुत उठवाये जायेंगे
हम अहले-सफ़ा, मरदूद-ऐ-हरम
मसनद पे बिठाये जायेंगे
सब ताज उछाले जायेंगे
सब तख्त गिराए जायेंगे
बस नाम रहेगा अल्लाह का
जो गायब भी है हाज़िर भी
जो मंज़र भी हैं, नाज़िर भी
उट्ठेगा अनलहक़ का नारा
जो मैं भी हूँ और तुम भी हो
और राज करेगी खल्के-खुदा
जो मैं भी हूँ और तुम भी हो
० फ़ैज़ अहमद फ़ैज़
सब ताज उछाले जायेंगे
जवाब देंहटाएंसब तख्त गिराए जायेंगे
बस नाम रहेगा अल्लाह का...
कमाल की नज़्म का इंतखाब किया वंदना जी...
स्वतंत्रता दिवस की शुभकामनाएं.
हम अहले-सफ़ा, मरदूद-ऐ-हरम
जवाब देंहटाएंमसनद पे बिठाये जायेंगे
सब ताज उछाले जायेंगे
सब तख्त गिराए जायेंगे
बस नाम रहेगा अल्लाह का
जो गायब भी है हाज़िर भी
जो मंज़र भी हैं, नाज़िर भी
उट्ठेगा अनलहक़ का नारा
जो मैं भी हूँ और तुम भी हो
और राज करेगी खल्के-खुदा
जो मैं भी हूँ और तुम भी हो
hame to usi din se pasand aaya raha jab tumne ise sunvaya tha aur mere mob. me bhara ,aaj padhkar maja duguna ho gaya ,jai hind aur dhero badhai .
बहुत सुन्दर प्रस्तुति!
जवाब देंहटाएंस्वतन्त्रता की 65वीं वर्षगाँठ पर बहुत-बहुत शुभकामनाएँ!
बहुत ही सुन्दर.....
जवाब देंहटाएंस्वतन्त्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनाएँ!
जवाब देंहटाएंHAPPY INDEPENDENCE DAY!
स्वाधीनता दिवस की हार्दिक मंगलकामनाएं।
जवाब देंहटाएंउट्ठेगा अनलहक़ का नारा
जवाब देंहटाएंजो मैं भी हूँ और तुम भी हो
और राज करेगी खल्के-खुदा
जो मैं भी हूँ और तुम भी हो
बहुत ख़ूब्सूरत नज़्म है वंदना ,,,फ़ैज़ कमाल के शायर इंसान दोस्त शख़्सियत
इस नज़्म को मुन्तख़िब करने के लिये बहुत बहुत शुक्रिया
यौम ए आज़ादी मुबारक हो
वाह बेहतरीन !!!!
जवाब देंहटाएंस्वतंत्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं….!
फैज साहब की अनमोल नज्म , अवाम की हुकूमत अवाम के लिए . सच्चा प्रजातंत्र ., आज़ादी की ६५ वी वर्ष गांठ मुबारक हो .
जवाब देंहटाएंबहुत अच्छी रचना पढ़वाई आपने।
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