हम महिलाओं को जो कुछ देते हैं,
उसके बदले में वे हमें
उससे ज़्यादा ही लौटाती हैं-
यदि आप उन्हें प्यार दें
तो वे आपको संतान देती हैं.
यदि आप उन्हें मकान दें,
तो वे आपको घर देती हैं.
यदि आप उन्हें अनाज दें,
तो वे आपको भोजन देतीं हैं.
यदि आप उन्हें मुस्कुराहट दें,
तो वे आपको अपना दिल दे देती हैं.
हम उन्हें जो कुछ भी दें,
बदले में वे हमें
कुछ ज़्यादा ही लौटाती हैं,
इसलिये हम उन्हें कोई
छोटी-मोटी तक़लीफ़ दें,
तो हमें एक बहुत बड़ी मुसीबत के लिये
तैयार रहना चाहिए.
सौजन्य: कर्नल विनय नरूला
Superb!
जवाब देंहटाएंएक एक शब्द से पूरी तरह सहमत.
जवाब देंहटाएंहम उन्हें जो कुछ भी दें,
जवाब देंहटाएंबदले में वे हमें
कुछ ज़्यादा ही लौटाती हैं,
इसलिये हम उन्हें कोई
छोटी-मोटी तक़लीफ़ दें,
तो हमें एक बहुत बड़ी मुसीबत के लिये
तैयार रहना चाहिए.........
....MUJHE NAHI LAGTA KI HAREK KE SAATH AISA HOTA HAI...YE VYAKTI VISHESH PAR DEPEND KARTA HAI KI WAH KAISE KISI CHIJ KO LETA HAI...PAR POST BAHUT ACHCHI HAI...
शब्दशः सहमत।
जवाब देंहटाएंहम उन्हें जो कुछ भी दें,
जवाब देंहटाएंबदले में वे हमें
कुछ ज़्यादा ही लौटाती हैं,
इसलिये हम उन्हें कोई
छोटी-मोटी तक़लीफ़ दें,
तो हमें एक बहुत बड़ी मुसीबत के लिये
तैयार रहना चाहिए...
बहुत अच्छी रचना प्रस्तुत की है वंदना जी, रही बात बदले में मुसीबत की, बहुत सी नारियों का जीवन ’धरती की तरह हर दुख सह ले’ के सिद्धांत पर चलते हुए कट जाता है.
कल ही पढ़ा था अखबार में ....
जवाब देंहटाएंहलके मूड में पतिदेव को पढ़कर सुनाया ,
गहराई से चिंतन किया !
जिंदगी के इको पर एक बेहद प्रभावी लघु कथा याद आयी ...
मजेदार!
जवाब देंहटाएंसुंदर अति सुंदर. धन्यवाद
जवाब देंहटाएंवाह भई कर्नल साहब. waao.
जवाब देंहटाएंकुछ दिन पहले गद्य रूप में यह इ -मेल सर्कुलेशन में था...लेकिन इसका एक की-वर्ड भी था...वो पूरी की पूरी पंक्ति ही गायब कर दी....उसे कवित्त रूप में नहीं ढाला...कवि ने
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर रचना !
जवाब देंहटाएंपढ़वाने के लिए आभार!
ekdam saty vachan.
जवाब देंहटाएंबेमिसाल.... साझा करने का आभार
जवाब देंहटाएंनमस्ते वंदना जी,
जवाब देंहटाएंप्रेम दिवस की शुभकामनायें, सही कहा आपने, हमेशा तैयार रहना चाहिए, उम्मीद से दुगना!
यदि आप उन्हें मुस्कुराहट दें,
जवाब देंहटाएंतो वे आपको अपना दिल दे देती हैं.
हम उन्हें जो कुछ भी दें,
बदले में वे हमें
कुछ ज़्यादा ही लौटाती हैं,
ये तो बिल्कुल सच है कि कुछ मीठे बोल और मुस्कुराहटों के लिये नारी अपना प्यार और ममता लुटा देती है ,
सुंदर पंक्तियां हैं वंदना !
वाह भाई वाह !!
जवाब देंहटाएंबिलकुल सच है , विनय नरूला को परिचय कराने के लिए आभार !
चेतावनी जैसी लगी:)
जवाब देंहटाएंबात तो एकदम सही लग रही है, generally.
.
जवाब देंहटाएंवंदना जी , बहुत ही सुन्दर बात लिखी है । काश ये छोटा सा सच यदि कोई समझ ले तो बड़े बदलाव आ सकते हैं ।
.
Satay....likha hai aapne. Sahmat hun. Rachna ke bhaav sarthak hai.
जवाब देंहटाएंकर्नल विनय नरूला ji ko Shubhkaamnaye.
जवाब देंहटाएंRachna behad umda aur saarthak hai.
mujhe to poori rachna hi bahut sundar lagi ,kyonki main nari hoon isliye dil ko bhi chhoo gayi .jitna padhu utna hi aur ....
जवाब देंहटाएंबहुत ही सुन्दर रचना.
जवाब देंहटाएंपढवाने के लिए शुक्रिया.
सलाम.
sach likha hai
जवाब देंहटाएंऐसा दिलचस्प आलेख
जवाब देंहटाएंपढवाने के लिए
बहुत बहुत शुक्रिया ....
.'पढी हुयी कहानी तथा यह कविता दोनों संदेशप्रद हैं.
जवाब देंहटाएंचलिए हम उन्हें और इस सुन्दर सी पोस्ट की लेखिका को प्यार देते हैं :) ...और इंतज़ार करते हैं :)
जवाब देंहटाएंक्या बात है वंदना जी ....
जवाब देंहटाएंकर्नल साहब को मेरा शुक्रिया कहियेगा .....
इस पैगाम के लिए ....
सावधान पतियो .....!!
कितनी सही बात ! लेकिन लोग हैं कि दुःख उठाने के बाद भी नहीं समझ पाते।
जवाब देंहटाएंवंदना जी , बहुत ही सुन्दर बात लिखी है ।मेरा शुक्रिया, बहुत बहुत शुक्रिया ....
जवाब देंहटाएंवंदना जी , बहुत ही सुन्दर बात लिखी है ।मेरा शुक्रिया, बहुत बहुत शुक्रिया ....
जवाब देंहटाएंबहुत ही सुंदर काव्यात्मक ढंग से आपने आधी दुनिया को चेतावनी दे दी।
जवाब देंहटाएंबहुत बढ़िया।
vandana ji , bahut hi acchi aur sundar baat kahi , ek sandesh chupa hua hai .. aapko badhayi
जवाब देंहटाएं----------
मेरी नयी कविता " तेरा नाम " पर आप का स्वागत है .
आपसे निवेदन है की इस अवश्य पढ़िए और अपने कमेन्ट से इसे अनुग्रहित करे.
"""" इस कविता का लिंक है ::::
http://poemsofvijay.blogspot.com/2011/02/blog-post.html
विजय
ऐसे ही धरती माँ की उपाधि थोड़े न मिली हुई है ?
जवाब देंहटाएंबिलकुल सही है |
वाह...क्या बात कही है...काश यह सब समझ पाते...दिल जीत लिया...फॉलो भी कर रही हूं...
जवाब देंहटाएंvandana ji, bahut sunder rachna.......
जवाब देंहटाएंहम उन्हें जो कुछ भी दें,
जवाब देंहटाएंबदले में वे हमें
कुछ ज़्यादा ही लौटाती हैं,
इसलिये हम उन्हें कोई
छोटी-मोटी तक़लीफ़ दें,
तो हमें एक बहुत बड़ी मुसीबत के लिये
तैयार रहना चाहिए.
bilkul
बहुत सुन्दर सन्देश दिया है कर्नल साहिब ने। सभी महिलाओं को उनका धन्यवाद करना चाहिये। शुभकामनायें।
जवाब देंहटाएंबहुत उम्दा...
जवाब देंहटाएंआप को सपरिवार होली की हार्दिक शुभ कामनाएं.
जवाब देंहटाएंसादर
आपका ब्लॉग पसंद आया....इस उम्मीद में की आगे भी ऐसे ही रचनाये पड़ने को मिलेंगी
जवाब देंहटाएंकभी फुर्सत मिले तो नाचीज़ की दहलीज़ पर भी आयें-
http://vangaydinesh.blogspot.com/
http://dineshsgccpl.blogspot.com/
आपका ब्लॉग पसंद आया....इस उम्मीद में की आगे भी ऐसे ही रचनाये पड़ने को मिलेंगी
जवाब देंहटाएंकभी फुर्सत मिले तो नाचीज़ की दहलीज़ पर भी आयें-
http://vangaydinesh.blogspot.com/
http://dineshsgccpl.blogspot.com/
जन्मदिन की बहुत बहुत शुभकामनाएँ
जवाब देंहटाएंकल 20/01/2012 को आपकी यह पोस्ट नयी पुरानी हलचल पर लिंक की जा रही हैं.आपके सुझावों का स्वागत है .
जवाब देंहटाएंधन्यवाद!
shukriya yashwant.
जवाब देंहटाएंसशक्त और प्रभावशाली रचना.....
जवाब देंहटाएंकल 02/03/2012 को आपकी यह पोस्ट नयी पुरानी हलचल पर लिंक की जा रही हैं.आपके सुझावों का स्वागत है .
जवाब देंहटाएंधन्यवाद!
thanks yashwant.
हटाएंsahi kha....jab har jagah jyada dene ko aatur hai naari to dukh dene me pichhe kyo.....
जवाब देंहटाएंसत्य कथन:-)
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