कोई मुम्बई जाये और हाज़ी अली की दरगाह पर ना जाये ऐसा हो सकता है क्या? हम भी पूरे भक्ति भाव से दरगाह पर गये।समंदर के बीच स्थित यह दरगाह सिद्ध दरगाहों में से एक मानी जाती है। समुन्दर के पानी को काट कर बनाया गया यह पवित्र स्थल लोगों ने इतना अपवित्र कर रखा है, कि दरगाह के प्रवेश द्वार से ही हर व्यक्ति को नाक बंद करनी पडती है। कचरा देख कर अफ़सोस होता है। प्रतिदिन जिस स्थान पर हज़ारों दर्शनार्थी मन्नत मांगने दूर-दूर से आते हों,उस स्थान की सफ़ाई व्यवस्था पर ध्यान देना ज़रूरी नहीं है क्या? यह तस्वीर तो मुझे मजबूरन उतारनी पडी, कम से कम कुछ लोग तो शर्मिन्दा हो सकें ,अपने द्वारा फैलाई गई इस गन्दगी को देखकर....
वंदना जिन को शर्मिंदा होना है वो गंदगी फैलाते ही नहीं और जिन को गंदगी फैलानी है वो शर्मिंदा नहीं होते
जवाब देंहटाएंसही है इस्मत.
हटाएं१९९३ में भी गन्दगी का कुछ कुछ ऐसा नज़ारा था -हम नहीं सुधरेगें ...
जवाब देंहटाएंन..कभी नहीं सुधेरेंगें :)
हटाएंइस्मत जी की बातों से सहमत ....
जवाब देंहटाएंमैं भी संगीता जी.
हटाएंयह तो हम सबकी जिम्मेदारी है.....पर अफ़सोस
जवाब देंहटाएंज़िम्मेदारी तो है, और निश्चित रूप से हम गंदगी फैलाते भी नहीं, लेकिन औरों का क्या किया जाये?
हटाएंकहाँ रह पायेगी पवित्रता तब..
जवाब देंहटाएं:(
हटाएंकिस बात की शर्मिंदगी ? अगर हम में शर्म होती तो शर्मिंदगी महसूस होती. हर जगह गंदगी इसी बात की गवाह है कि हम ने अपने अलावा किसी को साफ रखने का काम सीखा ही नहीं है. करीब करीब सभी धार्मिक स्थलों पर यही हाल मिल जाता है.
जवाब देंहटाएंबहुत सही दीदी. ऐसा ही है.
हटाएंsahi kaha aapne...log nahee sudhar sakte!
जवाब देंहटाएंसचमुच :(
हटाएंवाकई क्या त्रासदी है जिन जगहों पर लोग श्रद्धा से जाते हैं उनका यह हाल है. पिछली भारत यात्रा में बच्चों का जुहू बीच देखने का मन था उन्होंने बहुत सुन रखा था उसके बारे में. पर वहाँ पहुँच कर कार से ही वहाँ की हालत देखकर उन्होंने वहाँ तक जाने से साफ़ मना कर दिया.
जवाब देंहटाएंजो जगह एक हॉट ट्यूरिस्ट स्पोट है उसका यह हाल.
दुखद है.
तीन साल पहले जब हम मुम्बई गये, तब यही हाल हम लोगों का हुआ था शिखा. जुहू और मैरीन ड्राइव दोनों जगह बीच अब गायब ही है, गंदगी बाक़ी है :( गेटवे ऑफ़ इंडिया पर लगता है जैसे तेल की परत बिछा दी गयी हो...समंदर पर स्टीमर्स का कब्जा है.. :(
जवाब देंहटाएंहटाएं
सच में दुखद है.............
जवाब देंहटाएंमुझे लगता है जब तक कैपिटल पनिशमेंट न दिया जाए हमारी जनता सुधरेगी नहीं.....जेब खाली होगी तब शायद अक्ल आये...
सादर
अनु
हां शायद :)
हटाएंलोग मन की गन्दगी दूर करने के लिए दरगाह जाते है तो भौतिक गन्दगी पहले उतर जाते है . क्या करे शर्म तो गैरों से होती है अपनों से नहीं . अब समुद्र तो अपना ही है . हा हा
जवाब देंहटाएंऐसा ही सोचते हैं शायद :(....अरे शायद क्या पक्का :)
हटाएंदेखा जाये तो गलती हिन्दू लोग की ही है. हिन्दू लोग अपने सर उठकर किसी भी मजार पर चले जाते है, पर कभी किसी मुल्ला को देखा है की वे मंदिर मे जाता हो, साई के पास जाने बाले जादा लोग हिन्दू ही होते है
हटाएंaadmi kaa bas chle to aakash par bhi thook de chaahe took uske chahre par hi kyon naa pade .yah to peer kaa maalaa hai duaa free milti hai gandgi kaa kya ?
जवाब देंहटाएंसच में कई बार वहां जाना हुआ है।
जवाब देंहटाएंये गंदगी भी वहां हमेशा ही रहती है।
पर आज तक कोई ध्यान नहीं दे रहा।
सवाल सही है
कब आएगी शर्म..
TRUTH OF THE DAY.
जवाब देंहटाएंइस पवित्र स्थल पर सफाई का ध्यान रखना चाहिए। मेरे नए पोस्ट पर आपका इंतजार रहेगा।
जवाब देंहटाएंदेखा जाये तो गलती हिन्दू लोग की ही है. हिन्दू लोग अपने सर उठकर किसी भी मजार पर चले जाते है, पर कभी किसी मुल्ला को देखा है की वे मंदिर मे जाता हो, साई के पास जाने बाले जादा लोग हिन्दू ही होते है
हटाएंAgree with you.शब्दों की जीवंत भावनाएं.सुन्दर चित्रांकन,पोस्ट दिल को छू गयी..कितने खुबसूरत जज्बात डाल दिए हैं आपने.बहुत खूब.
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर भावनायें और शब्द पोस्ट दिल को छू गयी.......कितने खुबसूरत जज्बात डाल दिए हैं आपने...बहुत खूब.आपका ब्लॉग देखा मैने और नमन है आपको और बहुत ही सुन्दर शब्दों से सजाया गया है लिखते रहिये और कुछ अपने विचारो से हमें भी अवगत करवाते रहिये.
कोई तो शर्मिंदा हो....
जवाब देंहटाएं"कम से कम कुछ लोग तो शर्मिन्दा हों,अपने द्वारा फैलाई गई इस गन्दगी को देखकर...."
सच कहा आपने, पवित्र स्थलों पर गंदगी देखकर मन खिन्नता से भर जाता है. काश, हमारे धर्मस्थल पवित्र और स्वच्छ रह सकें. चलो खुद से ये शुरुआत करते हैं,इस मिशन में आज से ही जुड़ते हैं. बहुत-बहुत बधाई, खूबसूरत जज्बात और मुद्दे को सामने रखने के लिए.
वर्ष 2013 आपको सपरिवार शुभ एवं मंगलमय हो ।शासन,धन,ऐश्वर्य,बुद्धि मे शुद्ध-भाव फैलावे---विजय राजबली माथुर
जवाब देंहटाएंaaj darm sthalo ki aad me bhi galat ho rahe hai vandana ji
जवाब देंहटाएंदेखा जाये तो गलती हिन्दू लोग की ही है. हिन्दू लोग अपने सर उठकर किसी भी मजार पर चले जाते है, पर कभी किसी मुल्ला को देखा है की वे मंदिर मे जाता हो, साई के पास जाने बाले जादा लोग हिन्दू ही होते है
हटाएंदेखा जाये तो गलती हिन्दू लोग की ही है. हिन्दू लोग अपने सर उठकर किसी भी मजार पर चले जाते है, पर कभी किसी मुल्ला को देखा है की वे मंदिर मे जाता हो, साई के पास जाने बाले जादा लोग हिन्दू ही होते है
जवाब देंहटाएंमैं भी गयी रही यही हाल रहा ,सुधारना आसान कहाँ वंदना
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