शहरयार : एक परिचय
16 जून 1936-13 फरवरी, 2012
वास्तविक नाम : डॉ. अखलाक मोहम्मद खान
उपनाम : शहरयार
जन्म स्थान : आंवला, बरेली, उत्तरप्रदेश।
प्रमुख कृतियां : इस्म-ए-आज़म (1965), ख़्वाब का दर बंद है (1987), मिलता रहूंगा ख़्वाब में।
अख़लाक़ मोहम्मद ख़ानविविध : 'उमराव जान', 'गमन' और 'अंजुमन' जैसी फिल्मों के गीतकार । साहित्य अकादमी पुरस्कार (1987), ज्ञानपीठ पुरस्कार (2008)। अलीगढ़ विश्वविद्यालय में उर्दू के प्रोफेसर और उर्दू विभाग के अध्यक्ष रहे।
घर की तामीर तसव्वुर ही में हो सकती हैअपने नक़्शे के मुताबिक़ यह ज़मीं कुछ कम हैबिछड़े लोगों से मुलाक़ात कभी फिर होगीदिल में उम्मीद तो काफ़ी है, यकीं कुछ कम हैअब जिधर देखिये लगता है कि इस दुनिया मेंकहीं कुछ चीज़ ज़ियादा है कहीं कुछ कम हैआज भी है तेरी दूरी ही उदासी का सबबयह अलग बात कि पहली सी नहीं कुछ कम है