तेरे दामन में सितारे हैं, तो होंगे ऐ फलक,
मुझको अपनी माँ की मैली ओढ़नी अच्छी लगी।
लबों पे उसके कभी बददुआ नहीं होती,
बस एक माँ है जो मुझसे खफा नहीं होती।
ये ऐसा क़र्ज़ है जो मैं अदा कर ही नहीं सकता,
मैं जब तक घर न लौटूं, मेरी माँ सज़दे में रहती है।
( माँ के लिए कही गई मुन्नवर राना की इन पंक्तियों से बेहतर मुझे कोई और रचना नही लगती)
अति उत्तम वंदना जी
जवाब देंहटाएं_विजय
मुन्नवर राना जी की माँ पर लिखी हर पंक्तियाँ गजब की हैं.
जवाब देंहटाएंमातृ दिवस पर समस्त मातृ-शक्तियों को नमन एवं हार्दिक शुभकामनाऐं.
विजय जी, समीर जी, मुनव्वर राना इस दौर के एक ऐसे शायर हैं, जिनकी तुलना दुष्यंत कुमार से करें तो अतिश्योक्ति नहीं होगी.
जवाब देंहटाएंमदर्स डे पर खूबसूरत प्रस्तुति, बधाई
जवाब देंहटाएंधन्यवाद किशोर जी.
जवाब देंहटाएंवाकई आपने सच लिखा है .
जवाब देंहटाएंधन्यवाद मनोज जी.
जवाब देंहटाएंसच में माँ से बढ़कर कोई नहीं!
जवाब देंहटाएंजी हां अरुणा जी, मां है, तो सब है.
जवाब देंहटाएंjanaab manavvar rana ji ke khoobsurat kehan ko
जवाब देंहटाएंhm sb tk pahunchane ke liye shukriya...
aapke pakeeza khyalaat se bhi ru-b-ru ho gye
abhivaadan .
---MUFLIS---
धन्यवाद मुफ़लिस जी.
जवाब देंहटाएंMaan anmol hai.
जवाब देंहटाएं-Zakir Ali ‘Rajnish’
{ Secretary-TSALIIM & SBAI }
jee haan zakir ji,maa ki koi jagah koi nahi le sakta.
जवाब देंहटाएंरचना मन को गहराई तक छूती है। माँ तो माँ होती है, उसका कोई बदल नहीं होता। मैं तो जो हूँ ,माँ की बदौलत ही हूँ।
जवाब देंहटाएंबहुत ही प्यारी रचना, मन की गहराई तक उतर गई। माँ तो माँ होती है, उसका कोई बदल नहीं होता।
जवाब देंहटाएंdhanyvad shyamsundar ji.
जवाब देंहटाएंsahmat hu.
जवाब देंहटाएंmaa par to munavvar rana ne ek se ek sher likhe hai, sabhi dil ko chhu jane wale aur true.
maan shabd ko lavzon mein isse acha vyakt karna mushkil hai.
जवाब देंहटाएंbhut saare bhavo ko aapne thode se shabdo me bhut sundrta se dhaala hai
जवाब देंहटाएंye panktiya hme andar tak choo jati kai.
जवाब देंहटाएंआखिर माँ तो माँ है ना
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